UPSC GS (Pre & Mains) Telegram Channel Join Now
UPSC History Optional Telegram Channel Join Now
5/5 - (6 votes)

भारतीय राज्यों के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा (SCS)

भारतीय संविधान में कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया गया है, ताकि वे अपने भौगोलिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विशेषताओं के कारण विकास की दौड़ में अन्य राज्यों के मुकाबले पीछे न रहें। यह प्रावधान इन राज्यों के विकास और उनकी विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है।

विशेष श्रेणी का दर्जा उन राज्यों को दिया जाता है, जिनकी आर्थिक स्थिति और सामाजिक संरचनाएँ अन्य राज्यों से भिन्न होती हैं। इस दर्जे का मुख्य उद्देश्य इन राज्यों को आर्थिक सहायता और अन्य विशेष सुविधाएँ प्रदान करना है, ताकि वे देश के विकास में समान रूप से योगदान कर सकें।

भारत में विशेष श्रेणी का दर्जा प्राप्त राज्य मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और जम्मू एवं कश्मीर रहे हैं। इन राज्यों की भौगोलिक स्थिति, सीमित संसाधन और विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए विशेष दर्जा दिया गया था। यह सुनिश्चित किया गया था कि इन राज्यों की आवाज़ को सुनकर उनके विकास के लिए उपयुक्त नीतियाँ बनाई जाएं।

जम्मू और कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त था, जो उसे भारतीय संघ से अलग प्रकार का अधिकार देता था। हालांकि, वर्ष 2019 में इसे समाप्त कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप राज्य का सामान्यीकरण हुआ और अब यह राज्य अन्य राज्यों के समान ही है।

उत्तर-पूर्वी राज्यों के संदर्भ में, विशेष श्रेणी का दर्जा इन राज्यों को केंद्र से ज्यादा वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इन राज्यों के विशेष भौगोलिक और सामाजिक संरचना के कारण विकास के रास्ते में कई चुनौतियाँ रही हैं, जिन्हें विशेष दर्जा देने के द्वारा हल करने का प्रयास किया गया था।

विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को अनुदान, केंद्रीय योजनाओं के लिए विशेष निधियाँ और उनकी सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए सख्त प्रावधान प्राप्त होते हैं। इन राज्यों में विकास के लिए केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर योजना बनाई, ताकि यहाँ के लोग समान अवसर पा सकें।

हालाँकि, विशेष दर्जा मिलने से इन राज्यों में सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक समावेशन की दिशा में मदद मिली, लेकिन इससे कुछ विवाद भी उत्पन्न हुए हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विशेष दर्जा राज्यों के बीच भेदभाव और असमानता को बढ़ावा दे सकता है।

विशेष श्रेणी के दर्जे से संबंधित एक मुख्य आलोचना यह रही है कि इससे राज्यों में आत्मनिर्भरता की भावना नहीं बन पाई। ये राज्य केंद्रीय मदद पर निर्भर रहे और कभी-कभी यह उन्हें विकास के लिए पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनने से रोकता है।

दूसरी ओर, विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद, इन राज्यों के लिए एक नई दिशा की आवश्यकता है। विशेष श्रेणी को समाप्त करने से इन राज्यों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा सकता है। इससे इन राज्यों के लोग राष्ट्र की मुख्य धारा में शामिल हो सकते हैं और उनके विकास को और गति मिल सकती है।

विशेष श्रेणी का दर्जा समाप्त करने के बाद, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन राज्यों में असमानता की खाई न बढ़े। इसके लिए केंद्र सरकार को स्थानीय विकास योजनाओं पर विशेष ध्यान देना होगा और इन राज्यों के लिए कार्यान्वयन योजनाओं को और भी सशक्त बनाना होगा।

केंद्र सरकार को विशेष रूप से स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक संरचनाओं की रक्षा करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। राज्यों के विकास के लिए एक समान नीति बनाने से न केवल राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इन राज्यों की विशिष्टता भी बनी रहेगी।

विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद इन राज्यों में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं में वृद्धि की आवश्यकता होगी। इसके लिए केंद्र सरकार को इन राज्यों के लिए अतिरिक्त योजनाओं को लागू करना होगा, ताकि यह राज्य आत्मनिर्भर हो सकें।

इन राज्यों को समान अवसर देने के लिए यह जरूरी है कि उनकी सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक स्थितियों का गहनता से अध्ययन किया जाए। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन को मजबूत बनाना और सही दिशा में नीतियाँ लागू करना अत्यंत आवश्यक होगा।

निष्कर्षतः, विशेष श्रेणी का दर्जा एक समय में इन राज्यों के विकास के लिए आवश्यक था, लेकिन अब समय आ गया है कि इन राज्यों को मुख्यधारा में लाकर उन्हें समान अवसर दिए जाएं। इस प्रक्रिया में समावेशी विकास, स्थिरता और राष्ट्रीय एकता को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण होगा।

"www.educationias.in" एक अनुभव आधारित पहल है जिसे राजेन्द्र मोहविया सर ने UPSC CSE की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से शुरू किया है। यह पहल विद्यार्थियों की समझ और विश्लेषणात्मक कौशल को बढ़ाने के लिए विभिन्न कोर्स प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, सामान्य अध्ययन और इतिहास वैकल्पिक विषय से संबंधित टॉपिक वाइज मटेरियल, विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का मॉडल उत्तर, प्रीलिम्स और मेन्स टेस्ट सीरीज़, दैनिक उत्तर लेखन, मेंटरशिप, करंट अफेयर्स आदि, ताकि आप अपना IAS बनने का सपना साकार कर सकें।

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!
www.educationias.in
1
Hello Student
Hello 👋
Can we help you?
Call Now Button