UPSC GS (Pre & Mains) Telegram Channel Join Now
UPSC History Optional Telegram Channel Join Now
5/5 - (1 vote)

किराये की कोख की सामाजिक स्वीकृति

किराये की कोख, जिसे सरोगेसी भी कहा जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक महिला, जो गर्भधारण करने में सक्षम नहीं होती, किसी अन्य दंपत्ति के लिए संतान उत्पन्न करने का कार्य करती है। यह विषय न केवल चिकित्सा क्षेत्र से संबंधित है, बल्कि यह सामाजिक, नैतिक और कानूनी दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण सवाल उठाता है।

भारत में किराये की कोख का प्रयोग तेजी से बढ़ा है, विशेष रूप से उच्च वर्ग के दंपत्तियों द्वारा। यहां की सस्ती चिकित्सा सेवाओं और पारदर्शी कानूनी व्यवस्था ने भारत को एक प्रमुख वैश्विक स्थल बना दिया है। भारत में कुछ महिलाओं के लिए यह आर्थिक रूप से लाभकारी हो सकता है, लेकिन इसके गंभीर सामाजिक परिणाम भी हैं।

इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य उन दंपत्तियों को संतान प्रदान करना है, जिनके लिए प्राकृतिक रूप से संतान उत्पन्न करना असंभव होता है। यह मेडिकल टूरिज़म के एक हिस्से के रूप में विकसित हुआ है, जहाँ अंतर्राष्ट्रीय दंपत्ति भारत का रुख करते हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया महिला की शारीरिक और मानसिक स्थिति पर नकारात्मक असर डाल सकती है।

यहां सवाल उठता है कि क्या किराये की कोख महिलाओं का शोषण है? क्या एक गरीब महिला को आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति में आने पर यह प्रक्रिया उसकी स्वीकृति से ज्यादा मजबूरी बन जाती है? यह सवाल इसलिए अहम है, क्योंकि कई सरोगेट माताएं आर्थिक तंगी के कारण इस प्रक्रिया में भाग लेती हैं।

भारत में 2015 में सरोगेसी (विनियमन) विधेयक लाया गया, जिसका उद्देश्य केवल भारतीय दंपत्तियों को ही सरोगेसी के लिए अनुमति देना था। यह कानून विदेशी दंपत्तियों के लिए सरोगेसी को प्रतिबंधित करता है। यह कदम महिला शोषण के खिलाफ था, लेकिन इसके भी आलोचक हैं।

कानूनी दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह प्रक्रिया जटिल है। सरोगेट मां के अधिकार क्या होंगे? क्या वह अपने बच्चे को जन्म देने के बाद मानसिक रूप से तैयार होगी उसे छोड़ने के लिए? इन सवालों का कोई निश्चित उत्तर नहीं है और यह कानूनी विवादों का कारण बन सकता है।

किराये की कोख की प्रक्रिया के साथ जुड़ी हुई नैतिक और सांस्कृतिक चुनौतियां भी महत्वपूर्ण हैं। कुछ समाजों में यह अनैतिक और अपरंपरागत माना जाता है। भारत जैसे परंपरागत समाज में इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं, जहां धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं इसे स्वीकार नहीं करतीं।

इसका एक और पहलू यह है कि किराये की कोख का मतलब केवल एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह एक व्यापार बन चुका है। इसमें एजेंसियां और दलाल सक्रिय होते हैं, जो इसे आर्थिक लाभ का साधन मानते हैं। इससे महिलाओं का शोषण और सामाजिक असमानता की स्थिति पैदा हो सकती है।

वैश्विक स्तर पर किराये की कोख की स्थिति विभिन्न देशों में भिन्न है। अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में इसे कानूनी रूप से वैध माना जाता है, लेकिन इन देशों में भी इसे लेकर कड़े नियम और प्रतिबंध हैं। वहीं, कुछ देशों ने इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है, जैसे- फ्रांस और जर्मनी।

किराये की कोख के आर्थिक पहलू पर भी गौर किया जाना चाहिए। कुछ महिलाएं इसे एक स्थायी रोजगार के रूप में देखती हैं, लेकिन क्या यह स्थायी समाधान है? क्या यह प्रक्रिया महिला को वास्तविक स्वतंत्रता देती है या केवल शारीरिक श्रम का शोषण करती है? इन सवालों का उत्तर महत्वपूर्ण है।

किराये की कोख के मामलों में पारदर्शिता की आवश्यकता है। क्या सरोगेट माताओं को सही तरीके से उनका हक मिलता है? क्या उन्हें उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए उचित देखभाल मिलती है? ये ऐसे प्रश्न हैं जिनका जवाब देने की जिम्मेदारी सरकार और समाज दोनों की है।

निष्कर्षतः, किराये की कोख एक संवेदनशील और जटिल सामाजिक, कानूनी और नैतिक मुद्दा है। यह एक ओर महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता का अवसर देता है, वहीं दूसरी ओर यह शारीरिक और मानसिक शोषण का कारण भी बन सकता है। इस प्रक्रिया को पारदर्शिता और सख्त नियमों के तहत नियंत्रित किया जाना चाहिए, ताकि यह महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन न करे और इसका संचालन पूरी तरह से निष्पक्ष हो।

"www.educationias.in" एक अनुभव आधारित पहल है जिसे राजेन्द्र मोहविया सर ने UPSC CSE की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से शुरू किया है। यह पहल विद्यार्थियों की समझ और विश्लेषणात्मक कौशल को बढ़ाने के लिए विभिन्न कोर्स प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, सामान्य अध्ययन और इतिहास वैकल्पिक विषय से संबंधित टॉपिक वाइज मटेरियल, विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का मॉडल उत्तर, प्रीलिम्स और मेन्स टेस्ट सीरीज़, दैनिक उत्तर लेखन, मेंटरशिप, करंट अफेयर्स आदि, ताकि आप अपना IAS बनने का सपना साकार कर सकें।

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!
www.educationias.in
1
Hello Student
Hello 👋
Can we help you?
Call Now Button