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प्रश्न: भारत में महिलाओं की सुरक्षा की वर्तमान स्थिति पर चर्चा कीजिए और नीतिगत उपायों और सामाजिक सुधारों का सुझाव दीजिए, जो देश में महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा में सुधार कर सकें। 

Discuss the current status of women’s safety in India and suggest policy measures and societal reforms that can improve the safety and security of women in the country.

उत्तर: भारत में महिलाओं की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण सामाजिक और कानूनी विषय है, जो लैंगिक समानता और अधिकारों से जुड़ा है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनी हुई है, जिससे उनकी स्वतंत्रता बाधित होती है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कानून और सामाजिक सुधार आवश्यक हैं।

भारत में महिलाओं की सुरक्षा की वर्तमान स्थिति

(1) महिलाओं के विरुद्ध अपराध: भारत में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, जिसमें दुष्कर्म, घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न और साइबर अपराध शामिल हैं। इन अपराधों के कारण महिलाओं को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता बाधित होती है।

(2) कानूनी प्रावधान: भारत में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कानून बनाए गए हैं, जैसे कि निर्भया एक्ट, घरेलू हिंसा अधिनियम और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम। किन्तु इन कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है, ताकि पीड़ित महिलाओं को शीघ्र न्याय मिल सके और अपराधियों में भय उत्पन्न हो।

(3) सामाजिक मानसिकता: पितृसत्तात्मक सोच और रूढ़िवादी परंपराओं के कारण महिलाओं की सुरक्षा प्रभावित होती है। लैंगिक भेदभाव और महिलाओं को कमजोर समझने की मानसिकता समाज में उनकी स्वतंत्रता और सुरक्षा के मार्ग में बड़ी बाधाएँ उत्पन्न करती हैं, जिससे उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

(4) सरकारी प्रयास: सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न योजनाएँ लागू की हैं, जैसे कि महिला हेल्पलाइन, वन स्टॉप सेंटर और निर्भया फंड। किन्तु इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना आवश्यक है, ताकि महिलाओं को समुचित सहायता और सुरक्षा प्रदान की जा सके।

(5) शहरी और ग्रामीण अंतर: शहरी क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ने के कारण महिलाओं को सुरक्षा के बेहतर साधन उपलब्ध हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक कलंक, पारिवारिक दबाव और कानूनी सहायता की कमी के कारण महिलाओं को अधिक असुरक्षा का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी स्वतंत्रता प्रभावित होती है।

महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए नीतिगत उपाय और सामाजिक सुधार

(1) कानूनी सुधार: महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है। त्वरित न्याय प्रणाली, सख्त दंड प्रक्रिया और पुलिस की जवाबदेही को मजबूत करने से अपराधों में कमी लाई जा सकती है और महिलाओं को सुरक्षा प्राप्त हो सकती है।

(2) शिक्षा और जागरूकता: महिलाओं और समाज को उनके अधिकारों और सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक करने के लिए व्यापक शिक्षा अभियान आवश्यक हैं। स्कूलों और कॉलेजों में लैंगिक समानता पर आधारित शिक्षा अनिवार्य करने से समाज में सकारात्मक परिवर्तन और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

(3) सुरक्षा तंत्र का सुदृढ़ीकरण: पुलिस और न्याय प्रणाली को अधिक संवेदनशील और प्रभावी बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण और निगरानी तंत्र विकसित किए जाने चाहिए। महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा इकाइयाँ और त्वरित कार्रवाई दलों की स्थापना आवश्यक है, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

(4) सामाजिक मानसिकता में बदलाव: परिवार और समाज में महिलाओं के प्रति सम्मानजनक दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता है। रूढ़िवादी सोच को समाप्त करने और महिलाओं को समान अवसर देने के लिए सामाजिक जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए, जिससे समाज अधिक समावेशी और सुरक्षित बन सके।

(5) तकनीकी समाधान: महिलाओं की सुरक्षा के लिए मोबाइल एप्स, जीपीएस ट्रैकिंग और आपातकालीन हेल्पलाइन जैसी तकनीकी सुविधाओं को अधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए। साथ ही, स्मार्ट सुरक्षा उपकरणों और डेटा विश्लेषण के माध्यम से अपराधों की रोकथाम की दिशा में प्रभावी प्रयास किए जाने चाहिए।

महिलाओं की सुरक्षा केवल कानूनी सुधारों से संभव नहीं, बल्कि सामाजिक मानसिकता में बदलाव भी आवश्यक है। कठोर कानूनों, जागरूकता अभियानों और तकनीकी उपायों के संयोजन से ही महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाया जा सकता है। सरकार और समाज को मिलकर इस दिशा में कार्य करना होगा।

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