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DAILY ANSWER WRITING PROGRAM FOR UPSC CSE 2026 : DAY-13 (10-09-2025)

 

Q61. न्यायालयों के द्वारा विधायी शक्तियों के वितरण से संबंधित मुद्दों को सुलझाने से, ‘परिसंघीय सर्वोच्चता का सिद्धांत’ और ‘समरस अर्थान्वयन’ उभर कर आए हैं। स्पष्ट कीजिए। [सामान्य अध्ययन-2 | भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था]

From the resolution of contentious issues regarding distribution of legislative powers by the courts, ‘Principle of Federal Supremacy’ and ‘Harmonious Construction’ have emerged. Explain. [150 Words, 10 Marks]

उत्तर लेखन का प्रारूप:

◆ सातवीं अनुसूची और विधायी शक्तियों के वितरण और कहां संघर्ष उत्पन्न हो सकता है, के बारे में संक्षिप्त भूमिका लिखिए।

◆ फिर संक्षेप में चर्चा कीजिए कि परिसंघीय सर्वोच्चता का सिद्धांत विधायी शक्ति के वितरण की एक बुनियादी विशेषता कैसे है।

◆ संक्षेप में चर्चा कीजिए कि विधायी शक्ति का सामंजस्यपूर्ण वितरण कैसे सुनिश्चित होता है।

◆ तदनुसार निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

 

Q62. लोक अदालत तथा मध्यस्थता अधिकरण की व्याख्या कीजिए तथा उनमें अंतर स्पष्ट कीजिए। क्या वे दीवानी तथा आपराधिक दोनों प्रकृति के मामलों पर विचार करते हैं? [सामान्य अध्ययन-2 | भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था]

Explain and distinguish between Lok Adalats and Arbitration Tribunals. Whether they entertain civil as well as criminal cases? [150 Words, 10 Marks]

उत्तर लेखन का प्रारूप:

◆ लोक अदालतों और मध्यस्थता अधिकरणों के बारे में वर्णन करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।

◆ लोक अदालतों और मध्यस्थता अधिकरणों के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।

◆ बताइए कि क्या वे दीवानी और आपराधिक दोनों प्रकृति के मामलों पर विचार करते हैं।

◆ तदनुसार निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

 

Q63. “नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कर्तव्य केवल व्यय की वैधता सुनिश्चित करना ही नहीं बल्कि उसका औचित्य भी सुनिश्चित करना है।” टिप्पणी कीजिए। [सामान्य अध्ययन-2 | भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था]

“The duty of the Comptroller and Auditor General is not merely to ensure the legality of expenditure but also its propriety.” Comment. [150 Words, 10 Marks]

उत्तर लेखन का प्रारूप:

◆ नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) पद की शुरुआत का उल्लेख करते हुए उत्तर आरंभ कीजिए।

◆ व्यय की वैधता और औचित्य सुनिश्चित करने से संबंधित CAG की भूमिका का उल्लेख कीजिए।

◆ तदनुसार निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

 

Q64. “भारत में सार्वजनिक नीति बनाने में दबाव समूह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।” समझाइए कि व्यवसाय संघ, सार्वजनिक नीतियों में किस प्रकार योगदान करते हैं। [सामान्य अध्ययन-2 | भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था]

Pressure groups play a vital role in influencing public policy making in India.” Explain how the business associations contribute to public policies. [150 Words, 10 Marks] 

उत्तर लेखन का प्रारूप:

◆ संक्षेप में चर्चा कीजिए कि दबाव समूह क्या हैं? 

◆ भारत में सार्वजनिक नीति-निर्माण को प्रभावित करने में दबाव समूह की विभिन्न भूमिकाएं क्या हैं?

◆ भारत में सार्वजनिक नीतियों में CII, FICCI जैसे व्यावसायिक संघों द्वारा निभाई गई भूमिका को उदाहरण देते हुए समझाइए।

◆ व्यावसायिक संघों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

 

Q65. आपकी दृष्टि में, भारत में कार्यपालिका की जवाबदेही को निश्चित करने में संसद कहां तक समर्थ है? [सामान्य अध्ययन-2 | भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था]

To what extent, in your view, the Parliament is able to ensure accountability of the executive in India? [150 Words, 10 Marks] 

उत्तर लेखन का प्रारूप:

◆ कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करना कैसे संसद का दायित्व है, इस तथ्य के साथ उत्तर आरंभ कीजिए।

◆ इसे सुनिश्चित करने वाले विभिन्न उपकरणों का उल्लेख कीजिए।

◆ जवाबदेही सुनिश्चित करने में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।

◆ तदनुसार निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

 

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