DAILY ANSWER WRITING PROGRAM FOR UPSC CSE 2026 : DAY-11 (08-09-2025)
Q51. ‘विकास योजना के नव-उदारी प्रतिमान के संदर्भ में, आशा की जाती है कि बहु-स्तरी योजनाकरण संक्रियाओं को लागत प्रभावी बना देगा और अनेक क्रियान्वयन रुकावटों को हटा देगा।’ चर्चा कीजिए। [सामान्य अध्ययन-2 | सामाजिक न्याय]
‘In the context of neo-liberal paradigm of developmental planning, multi-level planning is expected to make operations cost-effective and remove many implementation blockages’. Discuss. [250 words, 15 marks]
उत्तर लेखन का प्रारूप:
◆ प्रश्न की मूल मांग के आधार पर परिचय लिखिए।
◆ विकास योजना के नव-उदारी प्रतिमान की व्याख्या कीजिए और बहु-स्तरी योजनाकरण को इससे जोड़ने का प्रयास कीजिए।
◆ व्याख्या काजिए कि बहु-स्तरी योजनाकरण किस प्रकार संक्रियाओं को लागत प्रभावी बना सकता है और क्रियान्वयन संबंधी रुकावटों को दूर कर सकता है।
◆ तदनुसार निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।
Q52. क्या नागरिक समाज और गैर-सरकारी संगठन, आम नागरिक को लाभ प्रदान करने के लिए लोक सेवा प्रदायगी का वैकल्पिक प्रतिमान प्रस्तुत कर सकते हैं? इस वैकल्पिक प्रतिमान की चुनौतियों की विवेचना कीजिए। [सामान्य अध्ययन-2 | सामाजिक न्याय]
Can Civil Society and Non-Governmental Organizations present an alternative model of public service delivery to benefit the common citizen. Discuss the challenges of this alternative model. [250 words, 15 marks]
उत्तर लेखन का प्रारूप:
◆ नागरिक समाज और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को परिभाषित करते हुए परिचय दीजिए।
◆ चर्चा कीजिए कि वे आम नागरिक को लाभ प्रदान करने के लिए लोक सेवा प्रदायगी का वैकल्पिक प्रतिमान किस प्रकार प्रस्तुत करते हैं।
◆ इस वैकल्पिक प्रतिमान की चुनौतियों की विवेचना कीजिए।
◆ आगे की राह के साथ निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।
Q53. भारत में राज्य विधायिकाओं में महिलाओं की प्रभावी एवं सार्थक भागीदारी और प्रतिनिधित्व के लिए नागरिक समाज समूहों के योगदान पर विचार कीजिए। [सामान्य अध्ययन-2 | सामाजिक न्याय]
Discuss the contribution of civil society groups for women’s effective and meaningful participation and representation in state legislatures in India. [250 words, 15 marks]
उत्तर लेखन का प्रारूप:
◆ भारत में राज्य विधायिकाओं में महिलाओं की कम भागीदारी और प्रतिनिधित्व को रेखांकित करते हुए भूमिका लिखिए।
◆ भारत में राज्य विधायिकाओं में महिलाओं की प्रभावी एवं सार्थक भागीदारी और प्रतिनिधित्व में नागरिक समाज समूहों की भूमिका की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
◆ जहाँ आवश्यक हो, अपने तर्कों के समर्थन में उपयुक्त उदाहरणों का प्रयोग कीजिए।
◆ तदनुसार निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।
Q54. लोक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में भारतीय राज्य को उस व्यवस्था के बाजारीकरण के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए व्यापक भूमिका निभानी चाहिए। कुछ ऐसे उपाय सुझाइए जिनके माध्यम से राज्य, लोक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की पहुंच का विस्तार तृणमूल स्तर तक कर सके। [सामान्य अध्ययन-2 | सामाजिक न्याय]
In a crucial domain like the public healthcare system the Indian State should play a vital role to contain the adverse impact of marketisation of the system. Suggest some measures through which the State can enhance the reach of public healthcare at the grassroots level. [250 words, 15 marks]
उत्तर लेखन का प्रारूप:
◆ भारत में लोक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में निजी क्षेत्रक के प्रभुत्व और इसके परिणामों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
◆ तृणमूल स्तर पर लोक स्वास्थ्य देखभाल की पहुँच बढ़ाने के लिए राज्य द्वारा उठाए जा सकने वाले उपायों को रेखांकित कीजिए।
◆ संक्षिप्त निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।
Q55. “यद्यपि स्वातंत्र्योत्तर भारत में महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है, इसके बावजूद महिलाओं और नारीवादी आंदोलन के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण पितृसत्तात्मक रहा है।” महिला शिक्षा और महिला सशक्तीकरण की योजनाओं के अतिरिक्त कौन-से हस्तक्षेप इस परिवेश के परिवर्तन में सहायक हो सकते हैं? [सामान्य अध्ययन-2 | सामाजिक न्याय]
Though women in post-Independent India have excelled in various fields, the social attitude towards women and feminist movement has been patriarchal.” Apart from women education and women empowerment schemes, what interventions can help change this milieu? [250 words, 15 marks]
उत्तर लेखन का प्रारूप:
◆ अपने उत्तर की शुरुआत इस विडंबना या विरोधाभास से कीजिए कि विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की प्रगति के बावजूद उनके प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं आया है। उदाहरण के साथ व्याख्या कीजिए।
◆ सामाजिक परिवेश को बदलने के लिए आवश्यक विभिन्न हस्तक्षेपों को उदाहरणों और तर्कों के साथ पुष्टि कीजिए।
◆ तदनुसार निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।
NOTE: “हर उत्कृष्टता की शुरुआत एक मेंटर से होती है। हर UPSC मेन्स की सफलता की शुरुआत एक योजना से होती है।” यह डेली आंसर राइटिंग प्रोग्राम 2026 केवल अभ्यास का मंच नहीं है, बल्कि गाइडेड ट्रेनिंग है, जो आपके उत्तर-लेखन कौशल को परिवर्तित कर आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ प्रभावी लिखने की क्षमता विकसित करता है।
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